योगासन होंशपूर्वक होकर ही करना चाहिए

योगासन की मुद्रा में एक व्यक्ति का सूर्य की तरफ़ मुँह करके पेड़ के नीचे पीछे से लिया गया फ़ोटो
योगासन के लिए कहाँ बैठकर करना है इसकी बजाय मुझे होंशपूर्वक करना है यह ध्यान देना आवश्यक प्रतीत होता है।
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योगासन का उपयोग आजकल स्वास्थ्य लाभ के रूप में होता है, जबकि पतंजलि द्वारा खोजी गयी यह विधी, सत्य को शरीर के संतुलन के माध्यम से पाने का अनोखा तरीक़ा है। लेकिन ईश्वर प्राप्ति के लिए योगासन का प्रयोग तभी सफल है जबकि अवेयरनेस ( awareness ) को भी साध लिया गया हो और उसका उपयोग योगासन में किया जाता हो। 

निश्चित ही यदि स्वास्थ लाभ के लिए भी योगासन करते समय अवेयरनेस (awareness ) का प्रयोग भी साथ ही साथ किया जाए तो जल्दी और बेहतर लाभ प्राप्त हो सकता है।

बिना होंश या दृष्टा या अवेयरनेस (awareness) को साधे योगासन के बारे में कबीर कुछ यूँ कहते हैं- 

आसन मारे क्या भया, जो गयी ‘न’ मन की ‘आस’।

ज्यों तेली के बैल को, घर ही पचास हज़ार॥

मतलब अवेयरनेस (Awareness) के प्रयोग बिना योगासन करना कुछ इस प्रकार है, जैसे तेली का बैल पचास मील की यात्रा के बाद भी घरके घर में ही रहता है, कहीं जा ही नहीं पाता।

होंशपूर्वक काम करना अपनेआप में एक ध्यान है। अंग्रेज़ी की एक पोस्ट में योगासन और होंशपूर्वक काम करने के बीच के अंतर को मैंने एक क़िस्से के माध्यम से स्पष्ट किया है। 

मेरा अनुभव जो आपके काम आ सकता है:-

समय के साथ, 20 वर्षों के भीतरमैं अन्य कृत्यों के दौरान होंश या जागरूकता को लागू करने में सक्षम हो गयाजबकि मुझे बाद में एहसास हुआ कि कई कृत्यों में यह पहले ही स्वतः होने लगा था।

संपूर्णता के साथ जीनाजीवन को एक प्रामाणिक रूप में जीना यानी भीतर बाहर एक और ईमानदारी से जीनालोगोंकी बिना भेदभाव के निःस्वार्थ भाव से सेवा करना और सभी बंधनों (धार्मिकशैक्षिकजातिरंग आदिसे मुक्त होनातीन महत्वपूर्ण उत्प्रेरक हैं जो किसी को गहराई तक गोता लगाने में मदद करते हैं।

होंश का प्रयोग मेरे लिए काम करने का तरीका है, (instagram पर होंशहो सकता है कि आपको भी यह उपयुक्तलगे अन्यथा अधिकांश लोगों के लिए गतिशील ध्यान है। लगभग 500 साल पहले भारतीय रहस्यवादी गोरखनाथद्वारा खोजी गई और ओशो द्वारा आगे संशोधित की गई 110 अन्य ध्यान तकनीकें हैं जिनका प्रयोग किया जा सकताहै और नियमित जीवन में उपयुक्त अभ्यास किया जा सकता है।

मेरे सुझाव :-

ओशो इंटरनेशनल ऑनलाइन (ओआईओ) इन्हें आपके घर से ओशो के डायनामिक मैडिटेशन को सीखने की सुविधा प्रदान करता है। यदि सिर्फ़ हंश के प्रयोग से नो-माइंड स्थिति प्राप्त नहीं हो रही हो तब सुबह/शाम को डायनामिक मेडिटेशन से होंश को साधने में सफलता मिलने की संभावना बढ़ जाती है। 

नमस्कार ….. मैं अपनी आंतरिक यात्रा के व्यक्तिगत अनुभवों से अपनी टिप्पणियाँ लिखता हूँ। इस पोस्ट में दुनिया भरके रहस्यवादियों की शिक्षाएँ शामिल हो सकती हैं जिन्हें मैं आज भी मानने लायक समझता हूँ। मेरे बारे में अधिकजानकारी के लिए और मेरे साथ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर जुड़ने के लिएमेरे सोशल मीडिया लिंक से जुड़ने केलिए वेबसाइट https://linktr.ee/Joshuto पर एक नज़र डालेंया मेरे यूट्यूब चैनल की सदस्यता लें और/यापॉडकास्ट आदि सुनें।

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