
मैंने लाओ त्जु के ताओ को कुछ कुछ समझा है। उसके शिष्य लू त्जु की किताब ‘द सीक्रेट ऑफ़ गोल्डन फ़्लॉवर’ पर ओशो के प्रवचन की किताब भी अभी पढ़ ही रहा हूँ।
किसी भी धर्म को जड़मूल से समझने के ओशो के बताये तरीक़े को मैं सबसे ज़्यादा बेहतर समझता हूँ। उन्होंने कहा है कि जिसे तुम जितना भी समझ गये हो उसी के कॉम्पेरिजन से दूसरे धर्म को समझना आसान होता है।
जैसे क्रिश्चियन दोस्तों को मैं ओशो की जीसस पर लिखी किताब सुझाता हूँ ताकि वे जीसस के संदेशों पर ओशो ने व्याख्या करते समय दूसरे संतों, धर्मों में उसी मूल से उपजे संदेशों को भी बताया है। जैसे महावीर ने क्या कहा, कृष्ण ने क्या कहा गीता में और बुद्ध ने क्या कहा जो जीसस के कथन के साथ जाता प्रतीत होता है।
मेरी मुस्लिम धर्म को मानने वाले मित्रों से भी इस बारे में चर्चा होती है और मुझे उनकी समझ काफ़ी स्पष्ट प्रतीत नहीं होती है। अन्य धर्मों की तरह वे भी रिचुअल पर ज़्यादा महत्व देते हैं और क़ुरआन उन्होंने पूरी पढ़ी ही नहीं है।
इस आधार पर मेरा मानना है कि चीन और जापान के लोग मुस्लिम धर्म को समझने के लिए यदि अल्लाह की जगह ताओ को रखकर देखेंगे तो उनको यह धर्म जल्दी और जड़मूल से समझ में आ सकेगा।
जैसे ताओ की व्याख्या नहीं हो सकती, और अल्लाह को ना शब्दों से ना चित्र से बताया जा सकता है।
इस प्रकार ताओ की जो खूबियाँ हैं वही अल्लाह की खूबियाँ हो सकतीं हैं, और जैसे ताओ को यीन और यैंग के बैलेंस के द्वारा साधा जा सकता है। ताओ पर जो 80 वाक्य लिखे हैं उनके सापेक्ष यदि अल्लाह की धारणा को रखकर समझा जाएगा तो मुस्लिम धर्म की मूल 8-10 बातें समझीं जा सकतीं हैं जहां ये दोनों नदियाँ आकर मिलती हैं।
मेरा अनुभव जो आपके काम आ सकता है:-
समय के साथ, 20 वर्षों के भीतर, मैं अन्य कृत्यों के दौरान होंश या जागरूकता को लागू करने में सक्षम हो गया, जबकि मुझे बाद में एहसास हुआ कि कई कृत्यों में यह पहले ही स्वतः होने लगा था।
संपूर्णता के साथ जीना, जीवन को एक प्रामाणिक रूप में जीना यानी भीतर बाहर एक और ईमानदारी से जीना, लोगोंकी बिना भेदभाव के निःस्वार्थ भाव से सेवा करना और सभी बंधनों (धार्मिक, शैक्षिक, जाति, रंग आदि) से मुक्त होनातीन महत्वपूर्ण उत्प्रेरक हैं जो किसी को गहराई तक गोता लगाने में मदद करते हैं।
होंश का प्रयोग मेरे लिए काम करने का तरीका है, (instagram पर होंश) हो सकता है कि आपको भी यह उपयुक्तलगे अन्यथा अधिकांश लोगों के लिए गतिशील ध्यान है। लगभग 500 साल पहले भारतीय रहस्यवादी गोरखनाथद्वारा खोजी गई और ओशो द्वारा आगे संशोधित की गई 110 अन्य ध्यान तकनीकें हैं जिनका प्रयोग किया जा सकताहै और नियमित जीवन में उपयुक्त अभ्यास किया जा सकता है।
मेरे सुझाव :-
ओशो इंटरनेशनल ऑनलाइन (ओआईओ) आपके घर से ओशो के डायनामिक मैडिटेशन को सीखने की सुविधा प्रदान करता है,
नमस्कार ….. मैं अपनी आंतरिक यात्रा के व्यक्तिगत अनुभवों से अपनी टिप्पणियाँ लिखता हूँ। इस पोस्ट में दुनिया भरके रहस्यवादियों की शिक्षाएँ शामिल हो सकती हैं जिन्हें मैं आज भी मानने लायक समझता हूँ। मेरे बारे में अधिकजानकारी के लिए और मेरे साथ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर जुड़ने के लिए, मेरे सोशल मीडिया लिंक से जुड़ने केलिए वेबसाइट https://linktr.ee/Joshuto पर एक नज़र डालें, या मेरे यूट्यूब चैनल की सदस्यता लें और/यापॉडकास्ट आदि सुनें।