अहंकार का वीआर हेडसेट लगाकर देखने के कारण ही जीवन में भ्रांति है, अन्यथा यह महज़ एक खेल है
सबसे पहले तो मैं यह बताना चाहता हूँ कि बुद्ध ने कहा हैं “बुद्धमशरणम गच्छामी, संघम शरणम गच्छामी, धम्मम शरणम गच्छामी,“ इसका मतलब यह है कि किसी व्यक्ति को यदि ख़ुद कि सच्चाई या आत्मज्ञान को प्राप्त होना है तो पहली प्राथमिकता यह है कि वह किसी आत्मज्ञानी व्यक्ति के पास जाकर रहने लगे। दूसरी […]
Read More अहंकार का वीआर हेडसेट लगाकर देखने के कारण ही जीवन में भ्रांति है, अन्यथा यह महज़ एक खेल है