अहंकार का वीआर हेडसेट लगाकर देखने के कारण ही जीवन में भ्रांति है, अन्यथा यह महज़ एक खेल है

सबसे पहले तो मैं यह बताना चाहता हूँ कि बुद्ध ने कहा हैं “बुद्धमशरणम गच्छामी, संघम शरणम गच्छामी, धम्मम शरणम गच्छामी,“ इसका मतलब यह है कि किसी व्यक्ति को यदि ख़ुद कि सच्चाई या आत्मज्ञान को प्राप्त होना है तो पहली प्राथमिकता यह है कि वह किसी आत्मज्ञानी व्यक्ति के पास जाकर रहने लगे। दूसरी […]

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बीज से सुगंध के रूप में अदृश्य हो जाने की प्रेम की यात्रा

मेरे अनुभव से ओशो के प्रवचन के हिस्से के माध्यम से ‘बीज से सुगंध तक प्रेम की यात्रा’ पर प्रकाश (अपनी बात कोष्ठक में लिखकर इस तरह) डाला गया है ताकि आपको बात गहरे बैठ जायँ और आप आज ही से जीवन में कुछ बदलाव लाकर उसका प्रभाव देख सकें । यह ज़रूरी नहीं कि […]

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हक़ीरो-नातुवां तिनका

इन पंक्तियों के माध्यम से सूफ़ी फ़क़ीर अहंकार की यात्रा पर जाने वाले व्यक्ति की भावना को प्रकट किया है।

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