ओशो का संन्यासी किसी एक के प्रेम में हारा हुआ होकर संन्यासी नहीं बना है, बल्कि उसके उलट वह सबसे प्रेम करता है। उनके दुःख को वह अपना दुःख समझता है इसलिए उसके प्रेम से किए कार्य, सहयोग, मदद, सेवा के बदले वह बग़ैर किसी उम्मीद के अपने कार्य में ही असीम आनंद की एकContinue reading “Prem and vairagya”
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प्रेम ❤️ क्या है?
जीवन में सबसे ज़्यादा बात प्रेम की होती है क्योंकि लोग बात करने को ही प्रेम होना मान लेते हैं और असल प्रेम से वंचित रह जाते हैं। ओशो के प्रेम पर दिए गए प्रवचनों के आधार पर मैंने सच्चे प्रेम के बारे में कुछ ज़रूरी प्रयोगों को ज़िंदगी में उतारकर और खुद के अनुभव को ही सही मानकर जो जाना उसको बताने का प्रयत्न किया है।
🔹🔹 लाओ त्ज़ु पर ओशो श्री अरविंद के माध्यम से 🔹🔹
43. THE BEST TEACHING HAS NO WORDS – – – The softest overcomes the hardest, the insubstantial penetrates the material. A wise man knows the value of accomplishment without action, he teaches without words and lets things flow freely. Few can do this. 45:NON-INTERFERENCE BRINGS STABILITY – – – Real perfection seems incomplete, yet itsContinue reading “🔹🔹 लाओ त्ज़ु पर ओशो श्री अरविंद के माध्यम से 🔹🔹”
खुदी का नशेमन तेरे दिल में है, फलक जिस तरह आंख के तिल में है-किस तरह किबरीज़ से रोशन हो बिजली का चिराग!hyव
“हम बड़े बेईमान हैं। हम हजार बहाने करते हैं। हमारी बेईमानी यह है कि हम यह भी नहीं मान सकते कि हम संन्यास नहीं लेना चाहते, कि वैराग्य नहीं चाहते। हम यह भी दिखावा करना चाहते हैं कि चाहते हैं, लेकिन क्या करें! किंतु-परंतु बहुत हैं। ‘ ‘पापकर्म के प्रवर्तक राग और द्वेष ये दोContinue reading “खुदी का नशेमन तेरे दिल में है, फलक जिस तरह आंख के तिल में है-किस तरह किबरीज़ से रोशन हो बिजली का चिराग!hyव”
लोग टाइम टेबल ही पढ़ते रहते हैं
ब्रेकेट में मैंने अपने अनुभव के आधार पर उस हिस्से पर और प्रकाश डालने का प्रयत्न किया है ताकि आप ओशो के उँगली के इशारे की तरफ़ नज़र डालें ना कि उँगली की पूजा करने लगें। “लोग बहाने खोजते हैं–न मालूम कितने-कितने! पति कहता है कि पत्नी रोकती है। कौन किसको रोक सका है: कौनContinue reading “लोग टाइम टेबल ही पढ़ते रहते हैं”