बड़े कोष्ठक में ओशो एक कहानी के संदर्भ में जो कह रहे हैं वह है और छोटे कोष्ठक में मेरे अनुभव से ओशो के प्रवचन पर प्रकाश डाला गया है ताकि आपको बात गहरे बैठ जायँ और आप आज ही से जीवन में कुछ बदलाव लाकर उसका प्रभाव देख सकें । यह ज़रूरी नहीं किContinue reading “वही संपत्ति है जो मृत्यु के पार चली जाए-ओशो”
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तुम अपने को जमा लो, सारी दुनिया अपने आप जमने लगेगी।-ओशो
मैं तुमसे कहता हूं कि तुम इतना ही कर लो कि तुम अपने को जमा लो, सारी दुनिया अपने आप जमने लगेगी। एक छोटे स्कूल में ऐसा हुआ कि एक शिक्षक बच्चों को समझा रहा था। दुनिया का नक्शा उसने कई टुकड़ों में काट दिया और बच्चों से कहा कि अब तुम इसे जमा करContinue reading “तुम अपने को जमा लो, सारी दुनिया अपने आप जमने लगेगी।-ओशो”
मेरी उठावना पत्रिका – ज्यों की त्यों धर दिनी चादरिया
इस पोस्ट को लिखने में मुझे क़रीब एक महीना से ज़्यादा की साधना करनी पड़ी। क्योंकि मेरा अनुभव नहीं बने तो मैं नहीं लिखूँगा यह पहली condition है। बहुत महत्वपूर्ण पड़ाव होता है यह आध्यात्मिक यात्रा का। अपने हाथों अपनी मौत की घोषणा करने जैसा है। मैं कहा करता था दोस्तों की कि मैं अपने उठवाने की पत्रिका खुद छपवाकर सबको पहले ही दे जाऊँगा। और और दोस्तों से मिलते ही मैं उनको भी पूछता था ‘क्यों ज़िंदा हो अभी तक, मरे नहीं? तुम्हारी भी पत्रिका छपवा ली है मैंने तो। मेरे साथ कौन जाएगा फिर?’
मैं तुम्हें रोज़ रोज़ समझाऊँगा
मैं तुम्हें रोज़ रोज़ समझाऊँगा ओशो का यह यूटूब पर ऑडीओ सुनने लायक़ है। जब तक आप स्वयं के प्रयत्न और अनुभव से आत्मज्ञान को प्राप्त नहीं हो जाते तब तक आप आध्यात्मिक ज्ञान की किताबों वेदों, उपनिषदों, बुद्ध, Jesus और वेदांत पर कोई टिप्पणी या टीका नहीं लिख सकते। लेकिन आजकल कोई भी व्यक्तिContinue reading “मैं तुम्हें रोज़ रोज़ समझाऊँगा”
आज का विचार
संतो की कठिनाई है कि जो पाया है वह इतना अनोखा है कि सबको इसे पाना ही चाहिए और वे सब कहीं और ही व्यस्त हैं। और मनुष्य का भ्रम दोनों के बीच भी मायाजाल को काटने उपाय हो जाता है।