हम जागरूक होकर काम करें तो महल अपना ही बनेगा।

इतनी कहानियों को बचपन में सुना है कि बताना मुश्किल है कि किस कहानी ने क्या छाप छोड़ी लेकिन यह तो सच है कि जीवन में उन सब कहानियों से कई सूत्र बचपन में ही हाथ लग गये। जो फिर पूरे जीवन भर मुझे मार्गदर्शन देते रहे। बचपन में एक कहानी किसी ने सुनाई थी।जिसमें […]

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सच्चे प्रेम की पहचान क्या है?

जीवन में सबसे ज़्यादा बात प्रेम की होती है क्योंकि लोग बात करने को ही प्रेम होना मान लेते हैं और असल प्रेम से वंचित रह जाते हैं। ओशो के प्रेम पर दिए गए प्रवचनों के आधार पर मैंने सच्चे प्रेम के बारे में कुछ ज़रूरी प्रयोगों को ज़िंदगी में उतारकर और खुद के अनुभव को ही सही मानकर जो जाना उसको बताने का प्रयत्न किया है।

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