Gambhir bimar mansikta

  इस गंभीर बीमार मानसिकता को समझना ही उससे छुटकारा पाना है। इसे समझने के लिए जीवन में होंश का प्रयोग करके देखना होगा। मेरे अनुभव :- सुबह ब्रश करते समय अवेयरनेस या कार्य करते समय होंश का प्रयोग करना शुरू किया। समय के साथ, 20 वर्षों के भीतर, मैं अन्य कृत्यों के दौरान होंश या जागरूकता को लागू करने में सक्षम हो गया, जबकि मुझे बाद में एहसास हुआ कि कई कृत्यों में यह पहले ही स्वतः होने लगा था। संपूर्णता के साथ जीना, जीवन को एक प्रामाणिक रूप में जीना यानी भीतर बाहर एक और ईमानदारी से जीना, लोगोंकी बिना भेदभाव के निःस्वार्थ भाव से सेवा करना और सभी बंधनों (धार्मिक, शैक्षिक, जाति, रंग आदि) से मुक्त होनातीन महत्वपूर्ण उत्प्रेरक हैं जो किसी को गहराई तक गोता लगाने में मदद करते हैं। होंश का प्रयोग मेरे लिए काम करने का तरीका है, (instagram पर होंश) हो सकता है कि आपको भी यह उपयुक्तलगे अन्यथा अधिकांश लोगों के लिए गतिशील ध्यान है। लगभग 500 साल पहले भारतीय रहस्यवादी गोरखनाथद्वारा खोजी गई और ओशो द्वारा आगे संशोधित की गई 110 अन्य ध्यान तकनीकें हैं जिनका प्रयोग किया जा सकताहै और नियमित जीवन में उपयुक्त अभ्यास किया जा सकता है। […]

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मर जाने के भय को अमरता में रूपांतरित करना ही पुरुषार्थ है।

We live life in confusion and removing that confusion is purpose of this life which is gifted to us to live as a human being.

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हम जागरूक होकर काम करें तो महल अपना ही बनेगा।

इतनी कहानियों को बचपन में सुना है कि बताना मुश्किल है कि किस कहानी ने क्या छाप छोड़ी लेकिन यह तो सच है कि जीवन में उन सब कहानियों से कई सूत्र बचपन में ही हाथ लग गये। जो फिर पूरे जीवन भर मुझे मार्गदर्शन देते रहे। बचपन में एक कहानी किसी ने सुनाई थी।जिसमें […]

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