पाखंड और प्रपंच से मुक्त जीवन-आध्यात्मिक यात्रा की पहली पायदान।
जीवन में जो अनमोल है वह पहचाने बग़ैर ही लोगों का अनुसरण करते हुए लोग जिये चले जाते हैं। संत फ़रीद के वचन उनको जगाने के लिए ही हैं, बाक़ी तो हर मनुष्य के भीतर वह सब कुछ है ही कि वह मंज़िल तक पहुँचकर ही रुके।
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