जैसे ही थोड़ी-सी समझ को तुम उकसाओगे, वैसे ही तुम पाओगे: तुम्हारे भीतर की रोशनी न तो तेल चाहती है न गंधक; (न राग की ज़रूरत है, ना द्वेष की। वहाँ दूसरा कोई है ही नहीं सब तुम्हारा ही विस्तार है, तुम्हारे मन का projection है जो संसार निर्मित कर रहा है । मेरा postContinue reading “खुदी का नशेमन तेरे दिल में है, फलक जिस तरह आंख के तिल में है-किस तरह किबरीज़ से रोशन हो बिजली का चिराग!”
Tag Archives: महावीर
जीवन एक कला है और धर्म सबसे बड़ी कीमिया है।
“संन्यास व्यक्तिगत क्रांति है। भक्ति मार्ग का संन्यासी भोग से विमुख नहीं होता, परमात्मा का ही भोग शुरू करता है। जिन मित्र ने पूछा है, उन्हें हिंदू, शंकराचार्य, जैन, महावीर, गौतम सिद्धार्थ, बुद्ध–इनकी परंपरा के संन्यासियों का बोध है। और ऐसा हुआ है कि इनकी परंपरा इतनी प्रभावी हो गयी कि धीरे-धीरे ऐसा लगने लगाContinue reading “जीवन एक कला है और धर्म सबसे बड़ी कीमिया है।”