ओशो का संन्यासी किसी एक के प्रेम में हारा हुआ होकर संन्यासी नहीं बना है, बल्कि उसके उलट वह सबसे प्रेम करता है। उनके दुःख को वह अपना दुःख समझता है इसलिए उसके प्रेम से किए कार्य, सहयोग, मदद, सेवा के बदले वह बग़ैर किसी उम्मीद के अपने कार्य में ही असीम आनंद की एकContinue reading “Prem and vairagya”
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वही संपत्ति है जो मृत्यु के पार चली जाए-ओशो
बड़े कोष्ठक में ओशो एक कहानी के संदर्भ में जो कह रहे हैं वह है और छोटे कोष्ठक में मेरे अनुभव से ओशो के प्रवचन पर प्रकाश डाला गया है ताकि आपको बात गहरे बैठ जायँ और आप आज ही से जीवन में कुछ बदलाव लाकर उसका प्रभाव देख सकें । यह ज़रूरी नहीं किContinue reading “वही संपत्ति है जो मृत्यु के पार चली जाए-ओशो”
होंश या जागरुक रहना
हिंदी में यह पोस्ट मेरे जीवन की छोटी शुरुआत के आत्मज्ञान प्राप्ति की साधना में अपने आप बदल जाने के बारे में है। This post is in Hindi about awareness meditation as advices by Buddha and Mahavir. Osho here describe in detail about how to imbibe it in our life so that naturally it starts flowing through us.
मेरी उठावना पत्रिका – ज्यों की त्यों धर दिनी चादरिया
इस पोस्ट को लिखने में मुझे क़रीब एक महीना से ज़्यादा की साधना करनी पड़ी। क्योंकि मेरा अनुभव नहीं बने तो मैं नहीं लिखूँगा यह पहली condition है। बहुत महत्वपूर्ण पड़ाव होता है यह आध्यात्मिक यात्रा का। अपने हाथों अपनी मौत की घोषणा करने जैसा है। मैं कहा करता था दोस्तों की कि मैं अपने उठवाने की पत्रिका खुद छपवाकर सबको पहले ही दे जाऊँगा। और और दोस्तों से मिलते ही मैं उनको भी पूछता था ‘क्यों ज़िंदा हो अभी तक, मरे नहीं? तुम्हारी भी पत्रिका छपवा ली है मैंने तो। मेरे साथ कौन जाएगा फिर?’
मैं तुम्हें रोज़ रोज़ समझाऊँगा
मैं तुम्हें रोज़ रोज़ समझाऊँगा ओशो का यह यूटूब पर ऑडीओ सुनने लायक़ है। जब तक आप स्वयं के प्रयत्न और अनुभव से आत्मज्ञान को प्राप्त नहीं हो जाते तब तक आप आध्यात्मिक ज्ञान की किताबों वेदों, उपनिषदों, बुद्ध, Jesus और वेदांत पर कोई टिप्पणी या टीका नहीं लिख सकते। लेकिन आजकल कोई भी व्यक्तिContinue reading “मैं तुम्हें रोज़ रोज़ समझाऊँगा”