इश्क़ में क्या बतायें कि दोनों किस क़दर चोट खाये हुए हैं-जानीबाबू क़व्वाल

किसी सूफ़ी फ़क़ीर की लिखी ग़ज़ल लगती है मुझे। आत्मा की प्यास है की वह अपने घर वापस लौटना चाहती है ताकि फिरसे शरीर धारण नहीं करना पड़े। और शरीर को संसार से सुख इतना मिल रहा है कि मौत से बचने के उपाय भी निकाल लिए हैं और एकदम निश्चिंत होकर संसार को भोगने […]

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