आसपास जो होता है दिखता नहीं

जो होता ‘है’ वो दिखता ‘नहीं’, जो दिखता ‘है’ वो होता ‘नहीं’। दिखने की दुनिया जन्नत है, होने की दुनिया बस नज़ारा है॥ एक सिंहासन दिखता है, जैसे कई हुए वैसे ही लेकिन उनमें से कितने बचे? माना कि सिंहासन नष्ट होकर राख बन गया। लेकिन राख अब भी है। तो यह जो सिंहासन अब […]

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