ईश्वर हर मनुष्य को सहज ही उपलब्ध है

फ्री में पढ़ने के लिए इस लिंक पर जायें और ऐप डाउनलोड करके पढ़ें। अजहूँ चेत गँवार, संत पलटुदास पर ओशो के प्रवचन, #१ https://amzn.in/eVL6VY3  समय के साथ, 20 वर्षों के भीतर, मैं अन्य कृत्यों के दौरान होंश या जागरूकता को लागू करने में सक्षम हो गया, जबकि मुझे बाद में एहसास हुआ कि कई कृत्यों में यह पहले ही स्वतः होने लगा था। संपूर्णता के साथ जीना, जीवन को एक प्रामाणिक रूप में जीना यानी भीतर बाहर एक और ईमानदारी से जीना, लोगोंकी बिना भेदभाव के निःस्वार्थ भाव से सेवा करना […]

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Pure Longing यानी भक्त, जिसे पता नहीं होता कि वह भक्ति कर रहा है।

मेरे अनुभव से यह बताने कि
का प्रयत्न है कि असंभव मनुष्य के लिए कुछ है ही नहीं। हमारा होना ही संभव को असंभव बनाता है। और आज के संसार में जहां कई प्लेटफार्म पर अलग अलग आइडेंटिटी बनाकर चलना पड़ता है तब हमारा मिटना कैसे संभव है? तो यह कैसे संभव हो सकता है इसका एक प्रयत्न किया है उसकी तरफ़ इशारा किया है।

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भीतर का दीया कैसे जले? इस संसार में रहते हुए।

ओशो से इनके संन्यासी का प्रश्न : मैं स्वयं के लिए प्रकाश कैसे बन सकता हूँ? ओशो : ‘अप्प दीपो भव’ ये गौतम बुद्ध के अंतिम शब्द थे, उनके शिष्यों के लिए उनका बिदाई संदेश: “स्वयं प्रकाशवान हो जाओ”. (अप्प दीपो भव मतलब हमारे भीतर का दीया जल उठे और हम उसकी रोशनी या प्रकाश का उपयोग जीवन के हर निर्णय को लेने में करें तो हमारे निर्णय कभी ग़लत नहीं होंगे) लेकिन जब वे कह रहे हैं, “स्वयं प्रकाशवान हो जाओ” उसका मतलब यह नहीं है कि “अपने लिए एक प्रकाश बनो”. होने और बनने में बहुत फर्क है। बनना एक प्रक्रिया है; ( जैसे डॉक्टर बनना, इंजीनियर […]

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प्रेम का अंगारा भी जलता रहे और जलाये न

A seeker of the truth never falls in love, he actually raises in love. He knows the alchemy, the kimiya of going behind love of body, love of mind and stops not before his love transforms into compassion.

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सच्चे प्रेम की पहचान क्या है?

जीवन में सबसे ज़्यादा बात प्रेम की होती है क्योंकि लोग बात करने को ही प्रेम होना मान लेते हैं और असल प्रेम से वंचित रह जाते हैं। ओशो के प्रेम पर दिए गए प्रवचनों के आधार पर मैंने सच्चे प्रेम के बारे में कुछ ज़रूरी प्रयोगों को ज़िंदगी में उतारकर और खुद के अनुभव को ही सही मानकर जो जाना उसको बताने का प्रयत्न किया है।

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किस तरह किरबीज (राग-द्वेष) से रोशन हो बिजली का चिराग़।

“हम बड़े बेईमान हैं। हम हजार बहाने करते हैं। हमारी बेईमानी यह है कि हम यह भी नहीं मान सकते कि हम संन्यास नहीं लेना चाहते, कि वैराग्य नहीं चाहते। हम यह भी दिखावा करना चाहते हैं कि चाहते हैं, लेकिन क्या करें! किंतु-परंतु बहुत हैं। ‘ (ब्रैकेट में मेरे अपने आध्यात्मिक यात्रा के अनुभव […]

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व्यक्ति की स्वतंत्रता परम मूल्य है। राज्य व्यक्ति का सेवक है

Here Osho describes that the government and its politicians are servants of the people. They should not act as boss of their citizen. Every Human being is given highest regard by the rulers.

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बीज से सुगंध के रूप में अदृश्य हो जाने की प्रेम की यात्रा

मेरे अनुभव से ओशो के प्रवचन के हिस्से के माध्यम से ‘बीज से सुगंध तक प्रेम की यात्रा’ पर प्रकाश (अपनी बात कोष्ठक में लिखकर इस तरह) डाला गया है ताकि आपको बात गहरे बैठ जायँ और आप आज ही से जीवन में कुछ बदलाव लाकर उसका प्रभाव देख सकें । यह ज़रूरी नहीं कि […]

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होंश या सहज ध्यान/सुरती/सम्यक स्मृति/जागरुक रहना

This post is in Hindi about awareness meditation or Surati or Honsh ka prayog or sahaj dhyan or sammyak smriti as adviced by Buddha and Mahavir. Osho here describe in detail about how to imbibe it in our life so that naturally it starts flowing through us. हिंदी में यह पोस्ट मेरे जीवन की छोटी शुरुआत के आत्मज्ञान प्राप्ति की साधना में अपने आप बदल जाने के बारे में है।

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काम की कीचड़ में राम का कमल – मेरी उठावना पत्रिका

इस पोस्ट को लिखने में मुझे क़रीब एक महीना से ज़्यादा की साधना करनी पड़ी। क्योंकि मेरा अनुभव नहीं बने तो मैं नहीं लिखूँगा यह पहली condition है। बहुत महत्वपूर्ण पड़ाव होता है यह आध्यात्मिक यात्रा का। अपने हाथों अपनी मौत की घोषणा करने जैसा है। मैं कहा करता था दोस्तों की कि मैं अपने उठवाने की पत्रिका खुद छपवाकर सबको पहले ही दे जाऊँगा। और और दोस्तों से मिलते ही मैं उनको भी पूछता था ‘क्यों ज़िंदा हो अभी तक, मरे नहीं? तुम्हारी भी पत्रिका छपवा ली है मैंने तो। मेरे साथ कौन जाएगा फिर?’

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मैं तुम्हें रोज़ रोज़ समझाऊँगा

मैं तुम्हें रोज़ रोज़ समझाऊँगा ओशो का यह यूटूब पर ऑडीओ सुनने लायक़ है। जब तक आप स्वयं के प्रयत्न और अनुभव से आत्मज्ञान को प्राप्त नहीं हो जाते तब तक आप आध्यात्मिक ज्ञान की किताबों वेदों, उपनिषदों, बुद्ध, Jesus और वेदांत पर कोई टिप्पणी या टीका नहीं लिख सकते। लेकिन आजकल कोई भी व्यक्ति […]

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Paradoxical couplets of Kabir like Zen Koan

  I have collected these ‘couplets of Indian Mystic Kabir’ from available various sources available in PDF form on internet. Specially these are from ‘Kabir Amritwani vol 1-13, by Debashish Dasgupta in mp3 format. Couplets from Kabir Dohawali and Kabir Grinthawali are oldest and most reliable sources of Kabir’s Couplets are also included. Common among […]

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मन रे ! तू काहे ना धीर धरे-गाने का ओशो संन्यासी वर्ज़न

इस पोस्ट में मैंने मन जो लगातार नए नए सपने बुनता रहता है उसपर हिंदी के गीत को लेकर मन की चाल को समझाने का प्रयत्न किया है। मन को कीचड़ में हवा के बबूले की तरह उसके उद्ग़म पर ही नियंत्रण किया जा सकता है।

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ऐसा घर भी हो सकता है जिसमें मृत्यु असम्भव हो?

किसी भी घर को बनाते समय कितना ही मज़बूत या लचीला बनाया जाए उसमें प्रवेश के लिए द्वार बनाया ही जाएगा। और जिस द्वार से इंसान प्रवेश कर सकता है उसी द्वार से मृत्यु भी एक दिन प्रवेश कर सकती है। भवन बनाने की सबसे बेहतरीन टेक्नॉलोजी का उपयोग करके भी हम बस यही कह […]

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