विचार ही वस्तु में परिवर्तित होता है।

बात बस इतनी सी है कि कोई भी विचार पर तुरंत action लेना होता है। आप सभी को ढेर सारी शुभकामनाओं और धन्यवाद के साथ।मैंयह नहीं कहता कि इस petition के कारण यह अक्तीयों लिया गया है। बिलकुल नहीं, लेकिन एक विचार यात्रा करता है। औरpetition से वह विचार कई लोगों तक पहुँचता है. और जो उसपर action लेने में सक्षम होता है, उसके माध्यम से वह क्रिया में रूपांतरितहोता है। यहाँ विचारों की और सभी समान विचार करने वालों के हृदय की शुद्धता महत्वपूर्ण योगदान देती है।

एक petition change.org पर इसी प्रकार की प्रारंभ की गई थी।

started this petition.
I just signed the petition “TISSS: Patient’s life saved due to Medical Oxygen must take oath to grow at least one tree.” and wanted to see if you could help by adding your name.

Our goal is to reach 100 signatures and we need more support. You can read more and sign the petition here:

चेंज.आर्ग 

इस petition को शुरू करने में और इसका प्रचार करने में Facebook  का बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान रहा। विशेषकर जब मैंने BBC news हिंदी पर इसको share किया तो मुझे लगा कि यहाँ से यह विचार सही व्यक्ति तक ज़रूर पहुँचेगा, फिर चाहे यह 100 sign हो पाएँ या नहीं।

Change.org, World Climate Change Organisation( Photo) इस पेंटिंग या आर्ट को बनाने वाले के विचार की शुद्धता ग़ज़ब की है। व्यक्ति के हृदय पर सीधी चोंट होती है। इसके कलाकार को साधुवाद। खुद ईश्वर जैसे इनके माध्यम से हमको कह रहा है।

Facebook

और अंत में Airtel (Internet) के ज़ोरदार network का भी का योगदान रहा।

मैं या मेरे माता पिता पहली wave में यदि बीमार हो जाऊँ COVID-19 से और यदि अस्पताल में bed तो ठीक, oxygen cylinder भी नहीं मिला घर पर रहकर इलाज कराने के लिए तो क्या और साधन हैं? इस प्रश्न ने मुझे Google पर इसका उत्तर खोजने पर मजबूर किया। और मैंने पाया की oxygen concentrator भी होते हैं और फ़िलिप्स का concentrator तब Amazon पर उपलब्ध भी था।

.google और Philips के एवरफ़्लो होम ऑक्सीजन 

amazon को भी बहुत बहुत धन्यवाद इस विचार को यहाँ तक पहुँचाने में।

तब मैंने जाना कि यदि हवा में oxygen की मात्रा यदि ज़्यादा कम है और pollution अधिक है तो यह उपकरण अपना काम करने में अक्षम है।

COVID-19 की दूसरी wave में दिल्ली में जब सभी 100+ bed के अस्पतालों को खुद के oxygen प्लांट लगाने का आदेश Hon SC ने दिया और तभी Facebook पर WCCO के page पर यह फ़ोटो दिखाई दिया। तो लगा कि शहरों की हालत तो कुछ ऐसी ही हो जाएगी. तो क्या हम पौधे तब लगाएँगे?

एक पेड़ एक प्लांट का काम करता है, लेकिन वह पूरा जीवन लेता है ऐसा करने में। और यदि दिल्ली जैसे शहर के बीच में ऐसे प्लांट लगे तब?

तो जो खुशनसीब हैं जिनको oxygen मिल गयी, जब अस्पताल में भर्ती हैं तब, उनको ही यह ज़िम्मेदारी दी जाए कि एक पौधा लगाएँ और उसको बड़ा करें। चाहे घर के एक हिस्से को तोड़ना पड़े, क्योंकि घर रह जाता और आप नहीं होते तब भी आपके लिए तो यही हुआ!

दूसरा कारण था एक पेड़ काटने वाले का केरल की बाढ़ में बहते बहते किसी पेड़ की ऊपरी डगाल में फँस जाने से उसकी जान का बचना। उस गरीब ने मज़दूरी कर ली लेकिन फिर पेड़ काटने का काम नहीं किया।

इसलिये यह ज़्यादा कारगर होगा यदि हम या हमारे आसपास कोई भी व्यक्ति जिसकी जान medical oxygen के कारण ही बच पायी है, उसको हम प्रेरित करें या हमारी जान पहचान के अस्पताल या Doctor से इस petition के बारे में बताएँ ताकी जो इस पर action लेने में सक्षम होगा उस तक बात पहुँचाई जा सके।

नमस्कार ….. मैं अपनी आंतरिक यात्रा के व्यक्तिगत अनुभवों से अपनी टिप्पणियाँ लिखता हूँ। इस पोस्ट में दुनिया भरके रहस्यवादियों की शिक्षाएँ शामिल हो सकती हैं जिन्हें मैं अपने अनुभव से तौलकर आज भी मानने लायक समझता हूँ। अधिकजानकारी के लिए और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर जुड़ने के लिए वेबसाइट https://linktr.ee/Joshuto पर एक नज़र डालें, या मेरे यूट्यूब चैनल या पॉडकास्ट आदि सुनें।

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